बुधवार, 20 फ़रवरी 2013



     तुम्हारी खुशी की भाषा

एक पल 
पीछे हजारों पल            
ब्लैक एंड व्हाईट चलचित्र में 
चलने घुमने लगा 
मैं यहाँ खुश हूँ                                                                                                
फिलवक्त, 
इस पहर की ख़ुशी में 
ख़ुश हूँ | 
        
यहीं तुम्हारी खुशी की भाषा
मेरी खुशी की भाषा को  
ताक रही है |  
ये क्या खुशी 
तुम हँसी ... 
बड़ी जोर से हँसी ...

तुम्हे पढ़ा

तुम्हारा मुखड़ा पढ़ा हमने  
तुम्हारी खुशी की भाषा
मेरी भाषा नहीं बनेगी ।

अबके तय है ,

मेरी ख़ुशी में कोई भाषा हीं न रहे
वादा करता हूँ , 
तुम्हारी हँसी मेरी भाषा में जरुर रहेगी |  

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